किसानों ने समूह बॉर्डर पर अपना बेस कैंप लगा लियाऔर पुलिस के द्वारालगाई गई किलो कोऔरपुलिस के द्वारा छोड़े गए आंसू गले का डटकर सामना किया, पंजाब हरियाणा बॉर्डर परकुछ प्रदर्शनकारी किसानोंका पुलिस के साथ झड़प हुई जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी किसान घायल हुए, किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू बम के गोले भी दागे |

प्रदर्शन कारी किसानों का कहना है कि वो बस केंद्र सरकार से बात करना चाहते हैं अपने मुद्दों को ले करके ,मगर सरकार उनकोदिल्ली तक आने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही | सरकार ने पुलिस के जरिए सड़कों पर बड़ी-बड़ी किलो को सीमेंट के जरिए जमाव दिया और उनके ऊपर आंसू बम के गोले और पानी का छिड़काव किया जा रहा है जिससे कि वो अपने प्रदर्शनकरनाछोड़ कर अपने घरों को लौट जाए |

किसान कैसे बच रहे हैं आंसू गैस से :
पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, किसान किस किस तरीके से इस गोली से बचते हैं| प्रदर्शनकारी किसान आंसू गैस के गोले को भीगी बोरियों में भरकर के अपने आप को बचाते हैं | उनमें से कुछ को घग्गर नदी पर बने पुल के नीचे सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जली को धकेलते हुए देखा गया ,प्रदर्शन कार्यों में से एक टिन शेड के छत पर चढ़ गया जहां सुरक्षा बल तैनात थे किसान नेता सर्वर सिंह ने पुलिस के साथ दिनभर की खींचतान के बाद शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया उन्होंने कहा कि आंसू गैस की गोली के कारण कम से कम 8 किसान घायल हो गए उनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं उन्होंने किसानों के खिलाफ ज्यादती करने के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की घायलों में किसान नेता सुरजीत सिंह भी शामिल हैं किसान नेताओं ने कहा कि घायलों को विरोध स्थल पर तैनिट एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया |